होली खेले रघुवीरा बिरज में होली खेले रघुवीरा।

मिथिला में वसंत की बिदाई समारोह होली (जिसे आम मैथिलजन फगुआ कहते हैं) हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया । होली के अवसर पर उत्साह, उमंग तथा आनंद के साथ अबीर-गुलाल का यह अनुपम त्यौहार पारम्परिक रूप से समाज के सभी वर्गों ने मिलकर मनाया । 
आज चर्चा करूँगा मुजफ्फरपुर जिला के हथौड़ी थाना अंतर्गत सहिला रामपुर की जहाँ ग्रामीण समाज के लोगों ने  जाति, धर्म, वर्ग के भेद को भुलाकर एक साथ एकत्रित होकर प्रेम के पर्व होली का विलक्षण आयोजन किया । विभिन्न टोली बनाकर नौजवान, वृद्ध सभी ने एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाते हुए एकता का अद्भूत उदाहरण प्रस्तुत किया । बच्चों के उत्साह का क्या कहना ! रंगोत्सव का यह पर्व आनंद का संचार संचारित करता है । होली के दिन मुख्य रूप से चार प्रकार के रंगों का उपयोग किया जाता है । लाल रंग जो प्रेम का परिचायक है, पीला रंग शुभ्रता का संदेश देता है, नीला रंग कृष्ण स्वरूप को दर्शाता है तथा हरा रंग हरितिमा का प्रतीक है । वसंत को ऋतुराज कहा जाता है । इस प्रकार सहिला रामपुर के ग्रामीण समाज ने इन रंगों के साथ मिलकर होली का पर्व मनाया ।इस अवसर पर ग्रामीणों ने कहाॅ की रंगोत्सव का यह पावन पर्व सभी के जीवन में प्रसन्नता, समृद्धि, सकारात्मक ऊर्जा तथा समन्वय के साथ उत्साह का अद्भूत संदेश देती है । समाज में परस्पर प्रेम, सौहार्द्र, भाईचारा का अटूट बंधन बना रहे । इन्हीं शुभकामनाओं के साथ सभी मिथिलावासी को सहिला रामपुर ग्रामीण समाज की ओर से होली की स्नेहमयी मंगलकामना ।

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